- बड़ा होने पर -
मैं जैसे सुख से रहता हूँ ,
वैसे रहें पड़ोसी जन |
कोई अति धनवान नहीं हो ,
कोई हो न बहुत निर्धन |
कंट्रोलों का नाम नहीं हो ,
होवे चोर बजार नहीं |
कोई नंगा कोई भूखा ,
हो कोई बेकार नहीं ||
लालच या भय के पिंजड़े का ,
कभी नहीं मैं कीर बनू |
हे भगवान बड़ा होने पर ,
मैं जन सेवक वीर बनूँ ||
मैं जैसे सुख से रहता हूँ ,
वैसे रहें पड़ोसी जन |
कोई अति धनवान नहीं हो ,
कोई हो न बहुत निर्धन |
कंट्रोलों का नाम नहीं हो ,
होवे चोर बजार नहीं |
कोई नंगा कोई भूखा ,
हो कोई बेकार नहीं ||
लालच या भय के पिंजड़े का ,
कभी नहीं मैं कीर बनू |
हे भगवान बड़ा होने पर ,
मैं जन सेवक वीर बनूँ ||
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